जय श्री राम

ram ji hanuman ji

जय श्री राम

मंगल भवन अमंगल हारी।
द्रवहु सुदसरथ अचर बिहारी।।

हरि अनंत हरि कथा अनंता।
कहहिं सुनहिं बहुबिधि सब संता॥

जा पर कृपा राम की होई।
ता पर कृपा करहिं सब कोई॥

ram ji hanuman ji

जय सीता माता

बन्दौ चरण सरोज निज जनक लली सुख धाम ।
राम प्रिय किरपा करें सुमिरौं आठों धाम ॥

कीरति गाथा जो पढ़ें सुधरैं सगरे काम ।
मन मन्दिर बासा करें दुःख भंजन सिया राम ॥

ram ji hanuman ji

जय हनुमान जी

श्रीगुरु चरन सरोज रज, निजमन मुकुरु सुधारि।
बरनउं रघुबर बिमल जसु, जो दायक फल चारि।।

बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।
बल बुधि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।।